Tuesday 4 July 2023

बढ़े चलो

 बढ़े चलो, बढ़े चलो।


सृजन के श्वेत मार्ग पर, 

संघर्ष को साथी मानकर,

चुनौतियां स्वीकार कर, 

विपत्तियों को काट कर,

नहीं झुको, नहीं रुको।

बढ़े चलो, बढ़े चलो।


मुश्किलें आए तो,

नाव डगमगाये जो,

रात का अंधेरा हो,

तूफान भी घनेरा हो,

नहीं डिगो, नहीं डरो,

बढ़े चलो, बढ़े चलो।


हृदय को अपने थामकर,

विश्वास अपने आप पर,

पंख तुम पसार कर,

हौसलों की नाव पर,

मंजिलों से तुम मिलों,

बढ़े चलो, बढ़े चलो।


आशाओं की नयी वो भोर,

भरके बाजुओं में जोर,

शांत चित्त, कर्म शोर,

सफलता के शिखर की ओर,

विजयी बनो, अजेय बनो,

बढ़े चलो, बढ़े चलो।।

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